रात को एक नया खवाब आँखों मैं लेके सोते हैं !!!
सुबह उसी ख्वाब के नशेमंद होते हैं !!!
करने उस ख्वाब को हकीकत पूरा दिन एक एक ज़दोज़हत मैं रहेते हैं !!!
टूटे ख्वाब के टुकड़े आँखों मैं चुभने से देर रात तक रोते हैं !!
सिरहाने पे बिखरे उन टुकडोको समेट फिर एक नया ख्वाब पिरोते हैं
अगली सुबह फिर एक नए ख्वाब के नशेमंद होते हैं....
आजकल हम खवाबो की दुनिया मैं जीते हैं ........
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